Top Guidelines Of हल्दी के चमत्कारी फायदे
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त्वचा पर दाद खुजली हो गई है तो खुजली वाली जगह पर हल्दी का लेप लगाएं।
हल्दी को शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के स्तर में सुधार करने में भी फायदेमंद पाया गया है, ये वे दो खतरनाक समस्याएं है अक्सर एकसाथ शरीर पर अटैक करती है। कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करके, हल्दी में समग्र हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने और हृदय रोग या यहां तक कि दिल के दौरे के जोखिम को कम करने की क्षमता होती है।
एजिंग पेरेंट्स के लिए समर फ्रूट ढूंढ रहीं हैं, तो चकोतरा है सर्वोत्तम, डायबिटीज से लेकर गठिया तक में देता है राहत
“हल्दी का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करने से लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है, शरीर से विषाक्त पदार्थो को निकलने की प्रक्रिया में सुधार हो सकता है और यकृत संबंधी विकार कम हो सकते हैं” डॉ. लैम कहते हैं। “करक्यूमिन को आयरन ओवरडोज, सिरोसिस, इथेनॉल और कार्बन टेट्राक्लोराइड से लीवर को होने वाले नुकसान को सीमित करने में भी प्रभावी माना जाता है।” इस क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ रहा है, लेकिन हल्दी लीवर एंजाइमों के स्तर को कम करने में सक्षम हो सकती है, जो लीवर की क्षति का कारण बनते है।
बहुत से हल्दी पाउडर में सीसा की उच्च मात्रा होती है। जो की एक भारी धातु है और विशेष रूप से तंत्रिका तंत्र के लिए विषाक्त है।
हल्दी शहद का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं जैसे सूजन, गैस और अपच के इलाज के लिए किया जाता है। हल्दी पाचन रस के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करती है, जबकि शहद पाचन तंत्र को शांत करता है। साथ में, वे पाचन में सुधार करने और पाचन संबंधी समस्याओं के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
हलदी में एक तरह का उड़न शील तेल होता है जो रक्त की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को घोलकर सामान्य कर देता है।
शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने में एंटी ऑक्सीडेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं डायबिटीज दिल की बीमारियां गठिया तथा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए बॉडी को एंटीऑक्सीडेंट्स तत्वों की आवश्यकता होती है। इस लिए नियमित हल्दी के सेवन से शरीर स्वस्थ रहने के साथ-साथ त्वचा में भी निखार आता है। हल्दी, सी फूड्स और मछलियों में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते है।
कच्ची हल्दी का इस्तेमाल चटनी में भी किया जा सकता है।
हल्दी और करक्यूमिन का सेवन करना फायदेमंद ही होता है लेकिन यह कुछ मामलों में नुकसानदायक भी हो सकती है। ज्यादा मात्रा में हल्दी लेने से संभावित जोखिम हो सकते है।
अधिक मात्रा हल्दी की ग्रहण करने पर गुर्दे more info में पथरी का खतरा बढ़ जाता है।
खून में शुगर की मात्रा का बढ़ना यानी डायबिटीज का होना। इस अवस्था में भी हल्दी लाभदायक होती है क्योंकि डायबिटीज होने का एक कारण पाचन का खराब होना माना गया है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है साथ ही इस स्थिति में कफ दोष भी बढ़ जाता है। हल्दी में पाचक गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ बनाती है और मेटाबोलिज्म ठीक करती है। साथ ही कफ शामक होने के कारण यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
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हल्दी प्रकृति का एक अमूल्य औषधीय वरदान है। हल्दी एक ऐसी औषधी है जो हर घर में इस्तेमाल की जाती है। अपने अत्यन्त विशिष्ट गुणों के कारण हल्दी को न केवल मसाले एवं औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है बल्कि इसका इस्तेमाल सौंदर्य वृद्धि और त्वचा की समस्याओं को दूर करने में भी होता है। इसके अलावा हल्दी शरीर को स्वस्थ रखने में भी बहुत सहायक है।